| 41. | नभ में विपुल विराट सी शासन की बंदूक
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| 42. | नीला नभ है नीला सागर और नीला आगोश।।
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| 43. | नभ के सूने आँगन में तुम धीरे-धीरे आते।।
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| 44. | देखा कवि ने , चमके नभ में ज्यों तारादल।
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| 45. | नभ में हर्षित चाँद-सितारे , सूर्य न लख पछताए।
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| 46. | भोर की अँगड़ाईयों से हो रहा नभ आसमानी
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| 47. | जगमगात नख जिसमें शोभें , जैसे नभ में चंद्रकिरण।
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| 48. | चीरता निस्तभ्धता निस्पंद नभ का रव निराला |
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| 49. | नभ - मन्डल से उतरीं भू पर ।
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| 50. | मुझको नभ के चाँद सितारों से क्या लेना-देना ,
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