| 41. | जीवन की नश्वरता के बारे में मैथिली जी लिखते हैं .
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| 42. | संसार की नश्वरता को वे भलीभाँति जान चुके होते हैं।
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| 43. | हमने अपना पहला अनिश्चित टुकड़ा काटा ज्ञान और नश्वरता का
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| 44. | यहां नश्वरता के प्रतीकों को चींटियां चट कर जाती हैं।
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| 45. | का प्रतीक है तो डरावनी स्त्री नश्वरता का द्योतक ।
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| 46. | नियति की निष्ठुरता जगत् की नश्वरता और अतृप्ति की वेदना
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| 47. | जीवन की नश्वरता और क्षणभंगुरता का भान किसे नहीं होता .
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| 48. | उनकी छीजन भरी नश्वरता सुदीर्घ जीवन के अंत में कहीं
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| 49. | हमने अपना पहला अनिश्चित टुकड़ा काटा ज्ञान और नश्वरता का
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| 50. | इसमें उन्होंने जीवन की नश्वरता का वर्णन किया है ।
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