| 41. | देह-गगन के पार करे विस्तार गति नित ओजस्वी !
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| 42. | बुनता रहता नित नए ख्वाब हर रोज |
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| 43. | आरति मातु तुम्हारी , जो नर नित गाता ।
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| 44. | रोज नित नए घोटाले सामने आ रहे हैं।
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| 45. | बागड़बिल्ला नित नए नए मुहाविरे बोला करता था।
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| 46. | कर वेदना , नित नित पुकारे,तेरे प्रेम का प्यासा।
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| 47. | कर वेदना , नित नित पुकारे,तेरे प्रेम का प्यासा।
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| 48. | कर वेदना , नित नित पुकारे,तेरे प्रेम का प्यासा।
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| 49. | भरित नेह नव नीर नित , बरसत सुरस अथोर।
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| 50. | बालक भी खुद के लिए खोजे नित सम्मान।
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