उन्होंने बहुत ही साफ-साफ और चेतावनी देने के अंदाज में लिखा , ‘ चमत्कारी शक्तियों का दावा करने वाले , केवल पाखंडी या दिमागी तौर पर पागल व्यक्ति हैं।
42.
एक पागल व्यक्ति ने अपने मुँह पर अंगुली रख कर सिसकारा किया और बोला , “ सब लोग चुप हो जाओ एक अजीब सी आवाज आ रही है . ”
43.
क्या इससे डा0 कोवूर का उपरोक्त कथन कि जो व्यक्ति चमत्कारी शक्तियों का दावा करते हैं , केवल पाखंडी या दिमागी तौर पर पागल व्यक्ति हैं, स्वयं सिद्ध नहीं हो जाता?
44.
या तो वो एक पागल व्यक्ति हो सकता है-उस स्तर पर जैसे कोई व्यक्ति कहे कि वो एक पका हुआ अंडा है-या फिर वो नरक का शैतान हो सकता है ।
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3 ) मान लें यदि कोई पागल व्यक्ति आपके घर के सामने कूड़ा-करकट फ़ैला रहा है, सम्भव है कि वह कूड़ा-करकट आपके घर को भी गन्दा कर दे, तब आप क्या करेंगे?
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दुनिया का मूल्यांकन करने के स्त्रोत के रूप में ईसाईयत की अक्षमता नीत्शे की ' द गे साइंस ' में पागल व्यक्ति की प्रसिद्ध कहावत के रूप में परिलक्षित होती है.
47.
“जिस व्यक्ति में सनक नहीं होती , वह कभी भी महान नहीं बन सकता ! परन्तु सभी पागल व्यक्ति महान नहीं बन जाते ! क्योंकि सभी पागल व्यक्ति प्रतिभाशाली नहीं होते !
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“जिस व्यक्ति में सनक नहीं होती , वह कभी भी महान नहीं बन सकता ! परन्तु सभी पागल व्यक्ति महान नहीं बन जाते ! क्योंकि सभी पागल व्यक्ति प्रतिभाशाली नहीं होते !
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एक महान अभिनय प्रतिभा के साथ संपन्न होने के नाते , वह ऐसी महारत के साथ एक पागल व्यक्ति की अपनी भूमिका निभाई है, कि राजा और रानी और अन्य दरबारियों को धोखा थे.
50.
एक अलग ही दुनिया में विचरण करने की स्तब्धता और आनंद . ....शून्य से साक्षात्कार कराती वो यादें आज भी मेरे जहन में बखूबी अंकित हैं ......... मुखोटे उस पागल व्यक्ति की तस्वीर पर