| 41. | तू पूरब का हो या पश्चिम का वासी
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| 42. | जे बिपतिहूँ में पालि पूरब प्रीति काज संवारहीं।
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| 43. | निकले पूत सपूत , तुम रखलो रोड़ पूरब ।।
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| 44. | अभी पूरब में बहुत नीचे कहीं था सूरज
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| 45. | उत्तर दक्षिण पूरब , पश्चिम, हर सम्त से इक
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| 46. | जे बिपतिहूँ में पालि पूरब प्रीति काज संवारहीं।
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| 47. | पूरब जाओ या पच्छिम , वही करम के लच्छन
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| 48. | मुगलों का पूरब कोर्ट भी उनके साथ था।
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| 49. | जब चमकीली आभा छाई होती है पूरब में
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| 50. | जब जब सूरज की किरनें पूरब में चमकी
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