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शब्दकोश > हिंदी शब्दकोश > "बक्की" अर्थ

बक्की का अर्थ

उदाहरण वाक्य
41.आज की रात मेरे नाम कर दो , बदले में मैं जिन्दगी का हर सुख तुम्हारे नाम कर दूंगा ।"उसकी ऐसी बहकी- बहकी बातें सुनकर उर्वशी एकदम से हक्की- बक्की रह गई और उसे मन ही मन गुस्सा भी आ रहा था।

42.खुसरूपुर के एकमात्रा सिनेमा हॉल में ऐसे कई सुहाग रात के फिल्मी दृश्य मां भाभी के साथ देख चुकी थीं , भाभी की चुहल भरी हिदायतें, नयी ब्याही सखियों की खुसफुस बातें, पति को टूटते देख हक्की बक्की रह गयीं कुछ क्षण।

43.जब भाभी ने मुझे देखा तो एक दम हक्की बक्की रह गई और जैसे ही उन्होंने मुझे देखा मैं वहाँ से चला गया और फिर कुछ देर बाद भाभी कमरे से बाहर आई और मुझे देख कर सेक्सी तरीके से मुस्कुरा दी।

44.राजा जनक के दरबार में शास्त्रार्थ के समय गार्गी के प्रश्नों ने बौखलाएं याज्ञवल्कय कह ही उठते हैं , बस गार्गी और नही , अब एक शब्द भी जवान से निकाला तो सिर अलग हो जाएगा , गार्गी हक्की बक्की रह जाती है।

45.एक दिन जब तलवार चमकाते हुए लंका का राजा अशोकवाटिका में आया , और जानकीदेवी को जान के लाले पड़े , उस घड़ी बाँके वीर हनुमान की भी अक्की बक्की बन्द हो गयी , वे भी पत्ताों की आड़ में बैठकर ही आई मुसीबत को टाल सके।

46.यहाँ तक कि जब झोंक में आकर दरबान उसे प्यार की बातें कहता , तब यह जानकर भी कि ये सब बड़ी-बड़ी बातें भंग सहारे ही सूझती हैं , माया उसके गले का भारी रुद्राक्ष का दाना और पीतल का तावीज़ पकड़ कर इतना ही कहती , ‘‘ कितने बक्की हो तुम ! '

47.आखिर तंग आकर नव मुस्लिम , झक्की और बक्की मुहम्मद से एहतेजाज करते हैं कि आप तो हमारी ज़रा ज़रा सी बातों पर कान लगाए रहते हैं ? जिसे मुहम्मद उनको बेवकूफ़ बनाते कि '' यह बात मुझे बज़रिए वहिय अल्लाह ने बतलाई '' दर असल यह बाते बज़रिए चुगलखोराने रसूल से उनको मालूम पड़तीं .

48.सरोज हक्की बक्की खड़ी थी बुआ का ये रूप देखकर | और भाभी - वो भी हक्की बक्की थीं और रिरियाती हुई बुआ से बोल रही थीं “ बीवी जी मैंने ऐसा कब कहा ? मैं तो बस आपसे यही कह रही थी कि जितनी देर सरोज को पढ़ाती हूँ उतनी देर आप बाहर माता जी के पास जाकर बैठ जाओ | ऐसा क्या कह दिया मैंने जो आप इस तरह कर रही हो … ”

49.सरोज हक्की बक्की खड़ी थी बुआ का ये रूप देखकर | और भाभी - वो भी हक्की बक्की थीं और रिरियाती हुई बुआ से बोल रही थीं “ बीवी जी मैंने ऐसा कब कहा ? मैं तो बस आपसे यही कह रही थी कि जितनी देर सरोज को पढ़ाती हूँ उतनी देर आप बाहर माता जी के पास जाकर बैठ जाओ | ऐसा क्या कह दिया मैंने जो आप इस तरह कर रही हो … ”

50.बेर-बेर सोवतहिं जगावे ना जागूँ तो काटे खावे व्याकुल हुई मैं हक्की बक्की ऐ सखि साजन ? ना सखि मक्खी! ९. अति सुरंग है रंग रंगीले है गुणवंत बहुत चटकीलो राम भजन बिन कभी न सोता ऐ सखि साजन? ना सखि तोता! १०. आप हिले और मोहे हिलाए वा का हिलना मोए मन भाए हिल हिल के वो हुआ निसंखा ऐ सखि साजन? ना सखि पंखा! ११. अर्ध निशा वह आया भौन सुंदरता बरने कवि कौन निरखत ही

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