| 41. | गयउ गरुड़ बैकुंठ तब हृदयँ राखि रघुबीर।।125क।।
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| 42. | सो जैईहैं बैकुंठ को , कहे वरणत सिंह चौहान।।
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| 43. | चतुर बीरबल और आसाराम के चातुर्मासी बैकुंठ
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| 44. | ते नर बैकुंठ जात है नाती - पोत समेत।।
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| 45. | गरीबदास बैकुंठ बट , कोटि कोटि घट ध्यान।।520।।
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| 46. | बैकुंठ पेरुमल मंदिर में [ ... ]
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| 47. | पंढरपुर को महाराष्ट्र का बैकुंठ धाम माना जाता है।
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| 48. | इसे करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
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| 49. | यहां जनवरी में बैकुंठ एकादशी का उत्सव होता है।
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| 50. | हमको क् या काम चाहे बैकुंठ में कोई आवे।
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