| 41. | भावार्थ : - नहीं तो हे नाथ !
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| 42. | भावार्थ - मुझे कोफते की जरुरत नहीं है।
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| 43. | भावार्थ : - पूर्ण परमात्मा का अविनाशी तेजोमय शरीर है।
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| 44. | भावार्थ : पांच नाम जो गुझ गायत्राी है।
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| 45. | श्रीमदभगवत गीता भावार्थ : दूसरा अध्याय , श्लोक संख्...
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| 46. | इसके भावार्थ से अब हम कोसों दूर हैं।
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| 47. | सुज्ञ का भावार्थ है , जिसे सरलता से ज्ञेय(ज्ञान) हो।
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| 48. | इसका भावार्थ है “हरि यानी नारायण के चरण”।
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| 49. | भावार्थ - इस संसार में सिद्धों और योगियों
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| 50. | आपकी कविता का भावार्थ कुछ समझ नहीं आया।
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