| 41. | “ लक्ष अलक्षित चरण तुम्हारे | ”
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| 42. | बाळसें गा ॥ १०६ ॥ चौर्यांयशीं लक्ष योनी ।
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| 43. | क्या लक्ष है तेरा , पहुंचना है कहा ?
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| 44. | 29 . संकल्प शक्ति ही आपको अपने लक्ष तक पहुँचाती है।
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| 45. | परन्तु योनियों की संख्या चौरासी लक्ष है।
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| 46. | ९१० . ६ लक्ष करोड़ की पूंजी लुटी हैं।
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| 47. | कभी भटक जाऊ , तो लक्ष की याद दिलाती है...
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| 48. | इस जीवन की गहनता में अपने लक्ष
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| 49. | जीवित रहेगा कौन फिर आकर हमारे लक्ष में ? ”
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| 50. | विस्मृत होती अच्छी आदतों की तरफ लक्ष दिलाया आपने।
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