जब इसके सदस्यों और सलाहकारों में हर्ष मंडेर , अनु आगा, तीस्ता सीतलवाड़, फराह नकवी जैसे हिन्दू विद्वेषी तथा सैयद शहाबुद्दीन, जॉन दयाल, शबनम हाशमी और नियाज फारुखी जैसे घोर साम्प्रदायिक शक्तियों के हस्तक हों तो विधेयक के इरादे क्या होंगे, आसानी से कल्पना की जा सकती है।
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परंतु उनकी इस अज्ञान निद्रा के खुलने और नूतन दृष्टि के फिर हो जाने से स्वार्थांध और अकारण विद्वेषी रूप चोरों के लूटने में बाधा उपस्थित होने की संभावना होने लगी , कि ऐसा न हो कि कभी गुरुआई और पुरोहिती से भी हाथ धोना पड़ जावे।
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किसी एक नेता या किसी खास दलका प्रयास भले इसके लिये ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो , लेकिन जरुरत तो सभी पक्षों और राष्ट्रीय सहमतिका है जो इस माँगकी गंभीरताको समझते हुए वगैर किसी तरहका विद्वेषी और विभेदकारी आपसी फूट-फूटानेवाली राजनीति किये न्यायपूर्ण ढंगसे मिथिला राज्यको संविधान द्वारा मान्यता प्रदान करे।
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बहादुर शाह जफर को तो विदेशी सरकार ने म्यांमार में दफन होने के लिए मजबूर किया था किंतु किंतु आज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के चित्रकार एम . एफ हुसैन को कुछ विद्वेषी साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा एक सोची समझी रणनीति से विदेश में रहने, मरने और दफन होने के लिए विवश कर दिया।
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समाज में राष्ट्रीय मनोवृति को बढ़ावा देना तो दूर हमारे अपने हिन्दुस्थान में ही मतों के स्वार्थ से , कट्टरता व अलगाव से अथवा विद्वेषी मनोवृत्ति के कारण पिछले दस वर्षों में हिन्दू समाज का तेजोभंग व बल हानि करने के नीतिगत कुप्रयास व छल-कपट बढ़ते हुये दिखाई दे रहे हैं।
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समाज में राष्ट्रीय मनोवृति को बढ़ावा देना तो दूर हमारे अपने हिन्दुस्थान में ही मतों के स्वार्थ से , कट्टरता व अलगाव से अथवा विद्वेषी मनोवृत्ति के कारण पिछले दस वर्षों में हिन्दू समाज का तेजोभंग व बल हानि करने के नीतिगत कुप्रयास व छल-कपट बढ़ते हुये दिखाई दे रहे हैं।
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बहादुर शाह जफर को तो विदेशी सरकार ने म्यांमार में दफन होने के लिए मजबूर किया था किंतु किंतु आज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के चित्रकार एम . एफ हुसैन को कुछ विद्वेषी साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा एक सोची समझी रणनीति से विदेश में रहने , मरने और दफन होने के लिए विवश कर दिया।
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जबकि सब मिला कर इस देश को , इस धरती को इतना प्यार करने वाला इंसान , अनेक बार खंडित या गलत ढंग से चिन्हित कर दिया जाता है एक निहायत व्यक्ति - केंद्रित रूप में , अतिकामुक इंसान के तौर पर , या निहायत रवीन्द्र - विद्वेषी कवि के रूप में।
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जब इसके सदस्यों और सलाहकारों में हर्ष मंडेर , अनु आगा , तीस्ता सीतलवाड़ , फराह नकवी जैसे हिन्दू विद्वेषी तथा सैयद शहाबुद्दीन , जॉन दयाल , शबनम हाशमी और नियाज फारुखी जैसे घोर साम्प्रदायिक शक्तियों के हस्तक हों तो विधेयक के इरादे क्या होंगे , आसानी से कल्पना की जा सकती है।
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इसके सदस्यों और सलाहकारों में हर्ष मंडेर , अनु आगा , तीस्ता सीतलवाड़ , फराह नकवी जैसे हिन्दू विद्वेषी तथा सैयद शहाबुद्दीन , जॉन दयाल , शबनम हाशमी और नियाज फारुखी जैसे घोर साम्प्रदायिक शक्तियों के हस्तक हों तो विधेयक के इरादे क्या होंगे , आसानी से आप इसकी कल्पना कर ही सकते हैं।