| 41. | शर्म , हया , लिहाज़ कहाँ है .....
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| 42. | मैंने पूछा- मुझे शर्म लग रही है ?
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| 43. | पर शर्म भी तो कोई चीज है यार।
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| 44. | “हमें शर्म आनी चाहिए इस सब के लिए ? ”...
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| 45. | वो शर्म से दोहरी हो रही थी . .
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| 46. | कोई और होता तो मारे शर्म के . ....
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| 47. | बोली- जब करवाना है तो शर्म क्यों ?
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| 48. | शर्म के जल से राह सदा सिंचती है . .
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| 49. | अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है ।
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| 50. | और सभी आंखें शर्म से झुकी हुई थीं।
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