| 41. | सखी मेरी तो सब आशाऍं मिटटी में मिल
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| 42. | यह कहकर मेरी सखी जोर-जोर से रोने लगी।
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| 43. | शांत नीरव मन के जंगल में हम सखी ,
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| 44. | सखी हम काह करैं कित जायं / भारतेंदु हरिश्चंद्र
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| 45. | वासवदत्ताः सखी ! क्या पति तुम्हें अत्यन्त प्रिय हैं?
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| 46. | सखी सैयां ब्लॉग खूबई लिखत जात हैं . ..
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| 47. | कुंटल-कुंटल के कूल्हे सखी , और थन तुम्हरे कटहल जैसे.
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| 48. | तो हे सखी खायो कहां से धन स्याम।
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| 49. | चं . : सखी मुझे यहाँ अकेली छोड़ जाओ।
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| 50. | चं . : सखी मुझे यहाँ अकेली छोड़ जाओ।
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