| 41. | पशुओं की सन्तति बढाने वाला किसान
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| 42. | भविष्य में अन्य भागों और चन्द्रकान्ता सन्तति को भी उपलब्ध
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| 43. | अनास्त्रव पञ्चस्कन्ध सन्तति तो सवर्दा प्रवहमान होती ही रहती है।
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| 44. | शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढां कुरु।
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| 45. | सन्तति होती है उसमें भी वे ही विशेषताएँ रहती हैं।
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| 46. | पितृगत गुण दोष प्राप्त करती सन्तति
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| 47. | कृपया ‘चन्द्रकान्ता सन्तति ' भी दें तो बहुत अच्छा होगा...।प्रियंका गुप्ता
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| 48. | शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढां कुरु।
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| 49. | एक ही सन्तति रहने की अवस्था
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| 50. | 1 . देखिए चंद्रकान्ता सन्तति , अठारहवां भाग , बारहवां बयान।
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