| 41. | क्या दूर सुहृद ! प्रियतम ! निराश चित्कार रहा अम्बर...
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| 42. | निद्रा विरहित पट खोल सुहृद मैं तिमिर बीच झाँकता रहा
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| 43. | सुहृद जीवलग अपने भक्ताप्त का ॥
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| 44. | साथ ही ये पर्यावरण सुहृद हैं।
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| 45. | सुहृद तो मी ॥ २९० ॥
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| 46. | सुहृद देख उसको सुख पाते ।
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| 47. | नाते नेह राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहां लौं ।
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| 48. | सुरमाया बस बैरिनिहि सुहृद जानि पतिआनि।
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| 49. | सबका सुहृद सो , इच्छा बिना
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| 50. | धर्म संगम शुभम् सुहृद मित्रों . ..
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