| 41. | इसी ने रुपये चुराकर सूरदास को दिए थे।
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| 42. | सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि बातनि भुरइ राधिका भोरी॥
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| 43. | इसका उल्लेख करते हुए सूरदास ने कहा है-
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| 44. | उन्होंने गऊघाट पर महाकवि सूरदास को दीक्षित किया।
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| 45. | सूरदास ने कहा-मिट्ठू , और रोटी लोगे ?
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| 46. | सूरदास की “साहित्यलहरी” कूट शैली की रचना है।
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| 47. | सूरदास जी कहां , मगर क्या फर्क पड़ता है।
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| 48. | सूरदास स्वामी के सेवत पायो परम पदु गात॥
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| 49. | एम . ए. के पाठयक्रम में सूरदास पर एक विशेष
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| 50. | सूरदास उखर उखरकी बरखा थोर जल उतरानी ॥उ०॥७॥
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