| 41. | व्यग्रा सा कार्य करणे स्त्री स्वभावेन नागता ।।
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| 42. | ने स्त्री के दोनों हाथ पकड़े हुए थे।
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| 43. | ऐसे स्त्री विमर्श का कोई स्वरूप नहीं निकलेगा।
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| 44. | स्त्री ने कबीर से उदासी का कारण पूछा।
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| 45. | उस स्त्री ने उससे फिर वही बात दोहराई .
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| 46. | अपूर्ण प्रकाशित हुए थे , जैसे- 'स्त्री दर्पण (१८८६
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| 47. | वृध्द के लिए जवान स्त्री जहर है ।। . ....
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| 48. | स्त्री अपने आप में कोई ' वर्ग' नहीं है।
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| 49. | स्त्री बच्चे के नन्हे पैरों में मोज़े डालती
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| 50. | स्त्री बाहर नहीं है वह सिर्फ़ बीमार है
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