| 1. | 4 . हर जीव अव्यक्त ब्रह्म है ।
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| 2. | सत्य को अव्यक्त रहने की भला क्या जरूरत।
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| 3. | अव्यक्त , जन्म, प्रकृति वश करनी, सिद्धि जानने वाले।
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| 4. | दूसरा शब्द है - ‘ अव्यक्त ' ।
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| 5. | प्रधान ( मूल प्रकृति) को अव्यक्त कहा गया है।
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| 6. | अव्यक्त , अक्षर, अनिर्देश्य, अचिन्त्य नित्य स्वरूप को .
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| 7. | शेष संसार अव्यक्त रूप में परिवर्तित हो जाएगा।
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| 8. | इस अव्यक्त आवाज़ को सुन सके-समझ सके . ..
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| 9. | मूल प्रकृति को अव्यक्त माना जाता है ।
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| 10. | आद्यंतहीन , अव्यक्त, व्यापक, सबमें तू आसन्न है.
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