| 1. | इसके दोनों ओष्ठ पर लघुता संलग्न रहता है।
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| 2. | निचले ओष्ठ को नीच को खींचनेवाली अधरोष्ठवनमनी (
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| 3. | मानसिक जप में जीभ और ओष्ठ नहीं हिलते।
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| 4. | पांच भीतरी- जिह्वा-मूल , दन्त, नासिका, ओष्ठ तथा तालु।
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| 5. | इसके दोनों ओष्ठ पर लघुता संलग्न रहता है।
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| 6. | इधर देखिए तो दोनों ओष्ठ इस भाँति से
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| 7. | अरुण ओष्ठ पुट खोल , बैन जब- जब तू बोले॥
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| 8. | आज भी तुम्हारे ओष्ठ का स्वाद लिए
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| 9. | जिन्हें ओष्ठ और भगोष्ठ भी कहते हैं . ..
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| 10. | दसन से क्षत ओष्ठ पीड़ित हो गए हैं किलि करते ,
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