| 1. | इसी को “ काली खाँसी ” कहते हैं।
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| 2. | काली खाँसी भी वयस्कों में हो सकते हैं , लेकिन खतरनाक नहीं.
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| 3. | यह अस्थमा के लिए एक उपाय , मांसपेशियों में ऐंठन, काली खाँसी है.
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| 4. | श्वसन संबंधी बीमारियाँ , जिनमें काली खाँसी और तपेदिक का भी समावेश है, हो
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| 5. | क्षय रोग , मूत्रमार्ग सिंड्रोम, योनि स्राव, योनि चिड़िया, मौसा, काली खाँसी, बचपन प्रतिरक्षण.
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| 6. | कमला - इससे गोलू की गलघोंटू , काली खाँसी और टिटनेस की रोकथाम होगी।
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| 7. | कमला - इससे गोलू की गलघोंटू , काली खाँसी और टिटनेस की रोकथाम होगी।
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| 8. | अत : पाचनविकृति, अतिसार, प्रवाहिका, काली खाँसी, अनिद्रा और आक्षेप में इनका उपयोग होता है।
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| 9. | यदि काली खाँसी की शिकायत हो , तो लहसुन के रस की पाँच-पाँच बूंदें सुबह-शाम लेनी चाहिए।
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| 10. | काली खाँसी भुनी हुई फिटकरी और चीनी ( एक रत्ती ) दोनों को मिलाकर दिन में दो बार खाएं।
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