| 1. | रामचन्द्रने कूर्म होकर , राख लीनी पीठ रे ।।
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| 2. | छठे होते हैं कूर्म अर्थात् कच्छप रूप गुरु।
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| 3. | भगवान् कूर्म के लीलावतरण का प्रसंग श्रवण करें।
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| 4. | कुमाऊँ संस्कृत के कूर्म शब्द का अपभ्रंश है।
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| 5. | बताया जाता है कि यहां कूर्म पर्वत है।
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| 6. | पहले कूर्म अवतार की पूजा करनी चाहिए ।
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| 7. | छठे होते हैं कूर्म अर्थात् कच्छप रूप गुरु।
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| 8. | वही ' कूर्म पुराण' का रूप ग्रहण कर सका।
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| 9. | वही ' कूर्म पुराण' का रूप ग्रहण कर सका।
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| 10. | कूर्म जयंती महत्व | Significance of Kurma Jayanti
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