| 1. | इस कारण पोपके क्रोध का ठिकाना न रहा .
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| 2. | सोचने-विचारने से क्रोध कीआग मंद पड़ जाती है .
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| 3. | जिससे क्रोध तथा चिड़चिड़ेपन से निजात मिलती है।
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| 4. | क्रोध करिए काम पर चलिए खुशी का ठिकाना
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| 5. | फिर क्रोध का कोई कारण नहीं रह जाता।
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| 6. | अपने क्रोध पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है .
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| 7. | जीतना ही है तो क्रोध को जीतो |
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| 8. | ही मौलवी साहब का क्रोध शांत हो जाता।
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| 9. | क्रोध की अग्नि सद्भावों को भस्म कर देती
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| 10. | आक्रोश तथा क्रोध में अंतर होता है ।
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