| 1. | मैं खंग स्पर्श करके कहता हूँ कि
|
| 2. | खंग गदा त्रिशूल चापहरंपदमकमण्डलु माला वराभीतकराम्।
|
| 3. | जय० अष्ट भुजा कर खंग बिराजे
|
| 4. | [ संपादित करें ] टिसुक ला खंग
|
| 5. | हार हमेल गुदी खंग बारी ,
|
| 6. | अनंगकेलि , कर्पूरकेलि, कंदर्पकेलि और सुंदरकेलि, इन चार सखियों को खंग देकर
|
| 7. | इसके अलावा भूतपूर्व खंग विलास प्रेस , बाँकीपुर के अधिष्ठाता बाबू रामदीन
|
| 8. | जो जो आज हमारे साथ चलें वे खंग स्पर्श करके शपथ करें
|
| 9. | सूर्यहास खंग ' नाम के एक अस् त्र का संधान कर रहा है।
|
| 10. | हूण फिर आ रहे हैं , कोई भय नहीं, स्कन्दगुप्त ने फिर खंग उठाया है।
|