| 1. | अब के कवि खद्योत सम , जहं तहं करतप्रकास.
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| 2. | भाई , सूरज तो एक ही है,बाकी खद्योत हैं
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| 3. | अब के कवि खद्योत सम , जहँ-तहँ करत प्रकाश।।''
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| 4. | अबके कवि खद्योत सम , जहं-तहं करहिं प्रकास॥
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| 5. | अब के कवि खद्योत सम , जंह-तंह करहिं प्रकाश।
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| 6. | हे देव . .... किसी ने खद्योत सम: नही लिखा….
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| 7. | खद्योत कीट के नर तथा मादा दोनों उड़ते हैं।
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| 8. | अबके कवि खद्योत सम जह-तह करत प्रकाश।।
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| 9. | क्या आपने खद्योत प्रकाश का नाम सुना है ?
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| 10. | अबके कवि खद्योत सम , जंह तंह करत प्रकाश।
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