| 1. | देवगृह के भीतरी भाग में दीवारों पर प्राय :
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| 2. | पूजा में देवगृह में बाकी पूजा सामग्री के साथ
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| 3. | चार अन्य बुद्धाकृतियां देवगृह के द्वार की ऊपरी भित्ति पर चित्रित है .
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| 4. | आरंभकाल में देवगृह या मंडोवर की रचना संयत और सादी होती थी।
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| 5. | देवगृह के द्वार सहित चारों ओर की भित्तियाँ चार भद्र कही जाती हैं।
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| 6. | बृहत्संहिता के अनुसार ईशान कोण में औषधि , देवगृह और सर्वधाम के स्थान आते हैं।
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| 7. | बृहत्संहिता के अनुसार ईशान कोण में औषधि , देवगृह और सर्वधाम के स्थान आते हैं।
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| 8. | पूर्व वर्णित बुद्ध की भांति ही एक अन्य चित्र देवगृह के समक्ष बायेंस्तम्भ पर प्रदर्शित है .
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| 9. | देवगृह की छत प्राय : सपाट होती हैं किंतु शिखर सहित मंदिरों में इसका भी अपवाद देखा जाता है।
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| 10. | स्वभावत : देवगृह में यदि देवता का भी स्थान हो तो आगंतुक उस स्थान पर संकोच सहित और सम्मानसहित जाएगा।
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