| 1. | नाद का मूल स्वरूप ऊँकार माना जाता है !
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| 2. | अनहद नाद सुनने के लिए मौन जरूरी है
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| 3. | ढेंका , नाद , खूँटा , इनार ..
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| 4. | ढेंका , नाद , खूँटा , इनार ..
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| 5. | इसमें सृष्टि का एक केन्द्रस्थ नाद रहता है।
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| 6. | हो अनहद नाद सी चतुर्दिक गूँज उठती है।
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| 7. | किन्तु ऐसे नाद के चार अंग होते हैं।
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| 8. | किसी विस्मृत नाद का हवा मैं तैरना . ..
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| 9. | सीक्यांग का नाद घोरतर होता जा रहा था।
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| 10. | नाद बिन्दु और कलारूप से भी त्रिरूप है।
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