| 1. | यहाँ कोई भी वस्तु नाशवान नहीं है ।
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| 2. | नाशवान है देह यह , आत्मा अमर अपार
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| 3. | क्षर : = नाशवान (आदि नारायण पर्यन्त के लोक)
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| 4. | देवताओं की पूजा के फल भी नाशवान हैं।
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| 5. | क्षय वृद्धिहीन है आत्मा और नाशवान शरीर है ,
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| 6. | भीलवाड़ा . शरीर नाशवान है और आत्मा अजर-अमर।
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| 7. | ये सब शरीर नाशवान कहे गए हैं।
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| 8. | इसलिए उनको नाशवान फल मिलता है ।
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| 9. | नाशवान हैं पौत्र , सुत, गौ, अश्व, गज, साम्राज्य भी,
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| 10. | क्योंकि इस नाशवान जीवन का कोई भरोसा नहीं ।
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