| 1. | निःस्वार्थ सेवा देखकर ब्राह्मणोंने हनुमानजीसे वर मांगनेको कहा।
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| 2. | ( वि.स.४/२८०)पूर्णतः निःस्वार्थ रहो, स्थिर रहो, और काम करो।
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| 3. | और कर्मक्षेत्र में निःस्वार्थ सेवा प्रदान करो !
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| 4. | कहते कितना निःस्वार्थ कितना आदर्शवादी त्यागी जाति-सेवक है।
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| 5. | परोपकार निःस्वार्थ होना चाहिए तभी परोपकार कहलाता है।
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| 6. | उस दिन क्षेत्र के निःस्वार्थ समाज सेवी स्व .
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| 7. | निःस्वार्थ भाव से सेवा करना ही महानता है।
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| 8. | एकमात्र ईश्वर का प्रेम ही निःस्वार्थ होता है।
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| 9. | आपका पहला प्रश्न निःस्वार्थ भाव पर है |
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| 10. | परोपकार निःस्वार्थ होना चाहिए तभी परोपकार कहलाता है।
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