| 1. | नित्यता को समझने का प्रयास करना चाहिये ।
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| 2. | दोनों ही नित्यता के मार्ग पर खुलते हैं” .
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| 3. | की नित्यता और अनंतता जरा मुझे दिखा दीजिए ' ।
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| 4. | यह नित्यता अस्थिरता में एक समाज बनाता है .
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| 5. | गति की यही नित्यता जगत् की नित्यता है।
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| 6. | गति की यही नित्यता जगत् की नित्यता है।
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| 7. | अतः वेद की नित्यता , अपौरुषेयता औरस्वतःप्रामाण्य स्वतः सिद्ध है.
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| 8. | मंगलाचरण , आत्म चेतना की नित्यता, पंचकोश विवेक से लेकर
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| 9. | मृत्यु की नित्यता , अकाट्यता और सार्वभौमिकता का उद्घोष है।
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| 10. | नित्यता ही सफ़लता का कारक होती है।
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