| 1. | निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये॥ जयति . .
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| 2. | जो सोमपा त्रैविद्य-जन निष्पाप अपने को किये .
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| 3. | जो ब्रह्मभूत , प्रशान्त-मन, जन रज-रहित निष्पाप है .
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| 4. | और धर्म का प्रेमरस पीकर निष्पाप होता है।
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| 5. | जो आपके दर्शन से निष्पाप हो गये ।
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| 6. | पूरी दुनिया को अपनी ही तरह निष्पाप समझना .
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| 7. | इनमें सरकारी घाट के पास निष्पाप कुंड है।
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| 8. | निष्पाप कोई नहीं होता , शायद भगवान भी नहीं।
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| 9. | कितनी भोली दिखती है , कितनी निष्पाप ।
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| 10. | शुभ्र , स्वच्छ, निष्पाप हैं (शुक्रम् = शुक्लम्) ;
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