| 1. | सिद्धारथ नृप सुत कहलाए , त्रिशला मात उदर प्रगटाए।
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| 2. | कोऊ नृप होऊ हमें का हानी ' ।
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| 3. | राज्य कार्य संचालित करती राज्ञी नृप आने पर्यंत।
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| 4. | कोई नृप होए हमें का हानी … .
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| 5. | तुम नृशंस नृप से जगती पर चढ़ अनियंत्रिात
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| 6. | ‘ कोऊ नृप होंय हमे का हानि ,
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| 7. | परी सेना शाल्व नृप की भरी जुद्ध उछाह
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| 8. | काशी नृप द्विजकुल करण , मिल्यो आय अगवान।
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| 9. | ‘ कोऊ नृप होंय हमे का हानि ,
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| 10. | ' रोक-टोक से नहीं सुनेगा, नृप समाज अविचारी है,
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