| 1. | मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' (काव्य)
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| 2. | पंकिल पगला के हर परिस्थिति बड़ छोट में
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| 3. | आंसू जल मे बह जायेगा पंथ बहिर्गामी पंकिल
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| 4. | पंकिल चरण पखार कर , सलिल हो रहा धन्य.
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| 5. | पंकिल के मति की मलिकाइन बना गउरा माई
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| 6. | पंकिल को दया की दवाई दे दोहाई माई
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| 7. | - ( 'पंकिल '- मेरे बाबूजी ) और पढ़ें.... »
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| 8. | इसीलिये इतना विलम्ब है भूल चूक पंकिल मधुकर
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| 9. | फूँक मंत्र संजीवनी पंकिल के प्रान में ।।8।।
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| 10. | पंकिल की पीठ पर हॅंथोरी मंजु फेरि फेरि
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