| 1. | सदगुरू दर्शन पाठक पाता।इह परलोक सभी हो शुभकर।
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| 2. | ऐही लोक का स्वार्थ या परलोक का स्वार्थ।
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| 3. | देखता है , परलोक में मिलता है या नहीं!
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| 4. | देखता है , परलोक में मिलता है या नहीं!
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| 5. | इस कृति में न परलोक है , न
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| 6. | लोक और परलोक , दोनों खो देगा ।
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| 7. | लोक और परलोक के मध्य ठोस सम्बंध है
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| 8. | जो लोक और परलोक मे आनन्दकर है ।
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| 9. | और दुलारी परलोक के नाम से जलती थी।
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| 10. | उसके इहलोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं।
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