| 1. | दरअसल पराग-कण या पोलन एलर्जी का मुख्य कारण है।
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| 2. | यह अति-सूक्ष्म पराग-कण श्वसन तंत्र में
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| 3. | ( दाहिनी ओर फ़ोटो में विभिन्न प्रकार के पराग-कण )
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| 4. | सुरबाला-सिर-गुंथे पुष्पहारों से झड़ते , परिमल मय पराग-कण से शिव-अंग महकते.
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| 5. | परिमल मय पराग-कण से शिव-अंग महकते .
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| 6. | प्राची मिली तो लगा कि हर तरफ खुशबूदार फूलों के असंख्य पराग-कण बिखर गए हैं।
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| 7. | प्राची मिली तो लगा कि हर तरफ खुशबूदार फूलों के असंख्य पराग-कण बिखर गए हैं।
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| 8. | असामान्य फूलों के पराग-कण या तो अंकुरण करने में असमर्थहोते हैं या उनका अंकुरण कम होता है .
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| 9. | यह अति-सूक्ष्म पराग-कण श्वसन तंत्र में जाकर श्वास नलियों की सूजन , छींक या जुकाम का कारण बनते हैं।
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| 10. | इन किसानों ने इस भुंड को ज्वार के बंद फुल खोल कर पराग-कण खाते अपनी आंखों से देखा है।
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