| 1. | मनुष्य की प्रवृत्ति निर्मल जल के समान है .
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| 2. | यह नारी की स्वतंत्र प्रवृत्ति का प्रतीक है .
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| 3. | प्रवृत्ति का प्रधान हो जाना बिल्कुल स्वाभाविक है।
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| 4. | इस प्रवृत्ति के रूप में की सतह से
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| 5. | मगर यह प्रवृत्ति है तो सही इन्सान में।
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| 6. | स्वयंसेवी संगठनोंकी सेवावृत्ति और निष्क्रिय शासकीय प्रवृत्ति !
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| 7. | - प्रवृत्ति का तीखापन शीर्ष पर पहुंच गया।
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| 8. | यह अपने यहाँ की जानी पहचानी प्रवृत्ति है।
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| 9. | इस दार्शनिक प्रवृत्ति का विकास अमरीका में हुआ।
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| 10. | न वह वृत्ति है न प्रवृत्ति न तत्त्व।
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