| 1. | प्राकृत सिसु इव लीला देखि भयउ मोहि मोह।
|
| 2. | ऐसा लगे मानोँ , बाजे मीठी प्राकृत बीन !
|
| 3. | हरिभद्र के प्राकृत कथा साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन
|
| 4. | प्राकृत , खरोष्ठी, अवेस्ता में इसके यही रूप हैं।
|
| 5. | हिंदी प्राकृत की अपेक्षा संस्कृत के निकट है .
|
| 6. | प्राकृत में इसका रूप धमणी है अर्थात धौंकनी।
|
| 7. | प्राकृत जनों को बोलना कतई ज़रूरी नहीं है।
|
| 8. | इसी प्रकार भाषा परिवर्तित होकर प्राकृत हो गई।
|
| 9. | ग्रन्थ की प्राकृत अत्यन्त परिमार्जित और प्रौढ़ है।
|
| 10. | 3 प्राकृत भाषा का स्वरूप एवं क्रमिक विकास
|