| 1. | कन्हैयालाल मत्त जी के परिवेश से जुडते गये।
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| 2. | मत्त हुए महुओं और पीपल के पल्लव की ,
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| 3. | मत्त का एक अर्थ पागल भी होता है।
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| 4. | जैसे मरने जा रहा , कीचड में गज मत्त.
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| 5. | भवन्ति भावा भूतानां मत्त एव पृथग्विधाः ॥१०- ५॥
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| 6. | वे मद में इतने मत्त हो जाते हैं।
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| 7. | मत्त , मद, गजगामिनी सी गति तुम्हारी मदिर मोहक.
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| 8. | मत्त समीरण मेरी सांस , कण-कण में मेरा विश्वास,
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| 9. | जमा रंग का मेला : कन्हैया लाल मत्त
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| 10. | मत्त समीरण साकी बनकर अधरों पर छलका जाए ,
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