| 1. | ऐसी हजारोंउत्सुकता मनुष्य के मन में होती हैं .
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| 2. | मनुष्य के मस्तिष्क के दो भाग होते है .
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| 3. | मनुष्य की प्रवृत्ति निर्मल जल के समान है .
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| 4. | इन्हीं औजारों कीसहायता से मनुष्य किसान बन गया .
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| 5. | श्रद्धा मनुष्य को अतुल सामर्थ्य प्रदान करती है .
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| 6. | परन्तु वह मनुष्य की सहजतासे अलगकहीं नहीं है .
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| 7. | मनुष्य एकदम छलाँग मारकर ऊपर नहीं चढ़ जाता .
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| 8. | इसी को मनुष्य के अन्दर प्रसुप्त कुण्डलिनी-शक्तिकहते हैं .
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| 9. | सामाजिक समूहः शोचिअल् घ्रोउप्-- मनुष्य सामाजिक प्राणी है .
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| 10. | उन्होंने मनुष्य को समस्त वस्तुओं का मापदण्ड मानाहै .
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