| 1. | तेरी मर्ज़ी पे मैंने , खुशियां अपनी वारी है
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| 2. | इसे ही ईश्वर की मर्ज़ी कहा जाता है .
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| 3. | दोस्ती तो तुम्हारी मर्ज़ी से ही होगी . ..
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| 4. | कोई अपनी मर्ज़ी से लैंगिक विकलांग नहीं होता।
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| 5. | मर्ज़ी किसी से वक़्त ने पूछी कहाँ कभी
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| 6. | जिसकी जो मर्ज़ी आये पहन सकता है .
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| 7. | तू मुझको संभाले ना संभाले तेरी मर्ज़ी ,
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| 8. | कोई भी इंसान अपनी मर्ज़ी का मालिक हैं .
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| 9. | आपकी मर्ज़ी है तो आप कर सकते हैं।
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| 10. | सीटें आरक्षित नहीं होती , जहाँ मर्ज़ी बैठ जाओ।
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