| 1. | अहं केतुरहं मूर्धा - $हमुग्रा विवाचानी |
|
| 2. | बेध कर मूर्धा को , परब्रह्म स्वयं मानव देह में
|
| 3. | रात की मूर्धा से निकलता है सौरभ
|
| 4. | नई तारिका कौन आज मूर्धा पर चमक उठी है ?
|
| 5. | बलान्नारीं गमिष्यसि , तदा ते शतधा मूर्धा फलिष्यति न संशय:।
|
| 6. | “ऋ” यह केवल मूर्धा स्थान का शुद्ध स्वर है।
|
| 7. | चूडारत्ननिषण्णदुर्वहजगद्भारोन्नमत्कन्धरो धत्तामुद्धुरतामसौ भगवतः शेषस्य मूर्धा परं ।
|
| 8. | मूर्धा नाभा सोम वेन आभूषन्तीः सोम वेदः ॥९॥ हे सोमदेव !
|
| 9. | इनका उच्चारण मूर्धा से होता है।
|
| 10. | इनका उच्चारण मूर्धा से होता है।
|