| 1. | महर्लोक से बीस करोड़ योजन ऊपर जनलोक है।
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| 2. | एक योजन में बारह किलोमीटर होते हैं ।
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| 3. | काशी का विस्तार ३०० योजन दिया गया है।
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| 4. | ये सभी दस दस हजार योजन ऊंचे हैं।
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| 5. | थके हुए के लिए योजन लंबा होता है। '
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| 6. | एक योजन बराबर होता है चार कोस के।
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| 7. | जनलोक से आठ करोड़ योजन ऊपर तपलोक है।
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| 8. | यमलोक का विस्तार छियासी हजार योजन है ।
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| 9. | एक निमिष में लाखों योजन पार करता है।
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| 10. | महर्लोक से बीस करोड़ योजन ऊपर जनलोक है।
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