| 1. | चाहे जब रजःस्राव होने लगे तो इसे मेट्रोरेजिया कहते हैं।
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| 2. | यदि अधिक दिनों तक रजःस्राव होता रहे , अधिक मात्रा में हो.
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| 3. | रजःस्राव ( मासिक) का शुरू होना, देर से शादी होना, स्तन-पान न कराना या कम
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| 4. | यह बात समझ मेंनहीं आती कि रजःस्राव से पूर्व लड़कियाँ इस रोग से क्यों नहीं पीड़ित होतीं .
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| 5. | जिस स्त्री को अधिक मात्रा रजःस्राव और अधिक दिन तक होता है उसके लिये भी यह औषधि अत्यंत उपयोगी है।
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| 6. | ( 2 ) अति रजःस्राव में त्वचा का क्वाथ 10 ग्राम दिन में 3 से 4 बार देते हैं ।
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| 7. | अंतविंद्रधि में , मासिक धर्म में अति रजःस्राव, रक्त-पित्त और खूनी बवासीर में रक्तस्राव को रोकने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
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| 8. | अंतविंद्रधि में , मासिक धर्म में अति रजःस्राव, रक्त-पित्त और खूनी बवासीर में रक्तस्राव को रोकने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
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| 9. | यदि अधिक दिनों तक रजःस्राव होता रहे , अधिक मात्रा में होता रहे, तो इसे हिन्दी में रक्त प्रदर और अंगरेजी में मेनोरेजिया (सीर्हरिचयैच)
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| 10. | अंतविंद्रधि में , मासिक धर्म में अति रजःस्राव , रक्त-पित्त और खूनी बवासीर में रक्तस्राव को रोकने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
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