| 1. | बभूव कौरवेयाणां बलेनातीव संवृत : ॥ 32 ॥
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| 2. | कुंचित केश संवृत तुम्हारा मुख कमल है ,
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| 3. | संवृत स्वर नीचे गिरकर द्विमात्रिक स्वरों में बदल गये ।
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| 4. | वह सभी प्राणियों में संवृत है।
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| 5. | भुक्तशेष ईंधन का पुनर्संसाधन => विवृत्त अथवा संवृत चक्र की विधि द्वारा
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| 6. | प्रथम स्वर / इ/अवृत्ताकार अग्र संवृत स्वर है जो मानस्वर कीअपेक्षा कुछ कम संवृत्त है.
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| 7. | प्रथम स्वर / इ/अवृत्ताकार अग्र संवृत स्वर है जो मानस्वर कीअपेक्षा कुछ कम संवृत्त है.
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| 8. | भुक्तशेष ईंधन का पुनर्संसाधन = > विवृत्त अथवा संवृत चक्र की विधि द्वारा
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| 9. | और विववृत श्रृंखलावाले हाइड्रोकार्बन रहते हैं , पर संवृत श्रृंखलावाले हाइड्रोकार्बन बिलकुल अपवर्जित नहीं हैं।
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| 10. | अनुक्रम के अयवय अनुक्रम के अनुसार एक दूसरे के संवृत आने में अक्षम हैं।
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