| 1. | दूर सिकता पर पड़े तल-भग्न बजरे की तरह ,
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| 2. | दूर सिकता पर पड़े तल-भग्न बजरे की तरह
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| 3. | शोषिता सिकता हुई है मौन अब होकर समर्पित
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| 4. | दो . -बारि मथें घृत बरु सिकता ते बरु तेल।
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| 5. | सिसक रही सिकता ' सलिल', मिले फूल से शूल..
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| 6. | दिनमणि-किरण-दग्ध सिकता की व्यथा जाननी चाही मरु से ,
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| 7. | दूर सिकता पर पड़े तल-भग्न बजरे की तरह ,
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| 8. | दूर सिकता पर पड़े तल-भग्न बजरे की तरह
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| 9. | बारि मथें घृत होइ बरु सिकता ते बरु तेल।
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| 10. | उनको क्या मालूम निरूपित इस सिकता पर क्या बीती
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