| 1. | इसलिए सत्यवादी राजा दोनों लोकों में सुख पाताहै .
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| 2. | क्योंकि यह सुख मुझसे कोई छीनही नहीं सकता .
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| 3. | ' ' बड़ों के आशीर्वाद से सुख मिलता हैं.
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| 4. | अन्न धन सुत सुख सम्पदा , महिमा महा अनोप।
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| 5. | तुम से विमुख जगत में , सुख नहीं पावे
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| 6. | तुम से विमुख जगत में , सुख नहीं पावे
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| 7. | सातो भाई और सोनचिरई सुख से रहने लगे।
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| 8. | क्योंकि सुख वर्तमान में जीने से मिलता है।
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| 9. | और कभी-कभी सुख को थोप भी लेते हैं।
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| 10. | मैं तुझ से थोड़े सुख उधार मांग लेती
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