| 1. | लेकिन दिल स्वार्थ से परे होता है ।
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| 2. | ऐही लोक का स्वार्थ या परलोक का स्वार्थ।
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| 3. | स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।
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| 4. | नि : स्वार्थ सेवा आनंद और मस्ती को बढ़ाती है।
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| 5. | नि : स्वार्थ सेवा आनंद और मस्ती को बढ़ाती है।
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| 6. | वो वही करेगी जिसमे उसका निज़ी स्वार्थ है .
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| 7. | निहित स्वार्थ रखने वाली पार्टी इसे करती है।
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| 8. | संसार के सारे रिश्ते स्वार्थ से जुड़े हैं।
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| 9. | स्वार्थ की नींव पर रिश्ते ज़िंदा नहीं रहते।
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| 10. | मेरे पास जो लोग आते हैं , कोई स्वार्थ
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