After all , every one of the thousands of strands which makes up the web of human interaction and activity has to be governed by some law . सब हुछ होते हुए भी , मनुष्य के पारस्परिक संबंधों और क्रियाओं के जाल के हजारों रेशों में से प्रत्येक को किसी न किसी कानूनके अंतर्गत हीह नियंत्रित करना पड़ता है .
2.
Should the chasm widen, with its concomitant lessening of human interaction, commercial relations, and diplomatic engagement, the Muslim world will likely fall further behind than it already has. As I wrote in 2000 , “Whatever index one employs, Muslims can be found clustering toward the bottom - whether measured in terms of their military prowess, political stability, economic development, corruption, human rights, health, longevity, or literacy.” क्या मानवीय संपर्क , व्यापारिक संपर्क और कूटनीतिक संपर्क घटने से यह विभाजन और गहराएगा और मुस्लिम विश्व और पीछे खिसक जाएगा .जैसा कि मैंने 2000 में लिखा था “ कोई भी सूचकांक क्यों न अपनाया जाए मुसलंमान नीचे की ओर ही खिसकते जायेंगे चाहे सैन्य रक्षता , राजनीतिक स्थिरता , आर्थिक विकास , भ्रष्टाचार , मानवाधिकार ,स्वास्थ्य , जीविता या शिक्षा के संबंध में .”