इसके अलावा ग्लिप्टिन अँतड़ी में भोजन के गमन को बिलम्बित करता हा और खाने के बाद परिपूर्णता की अनुभूति वृद्धि होती है.
12.
इस आलेख के प्रसंग में पं ० चंद्रनाथ मिश्र ‘ अमर ' का कथन उल्लेखनीय है कि “ इसके माध्यम से बहुतों के सड़े अँतड़ी की दुर्गन्ध बाहर आ गयी है ।
13.
उन तंत्रिकाओं को स्वायतंनियंत्री (ऑटोनोमिक) तंत्रिकाएँ कहते हैं जो मस्तिष्क में पहुँचकर एक दूसरे से संबद्ध होती हैं और हृदय, फेफड़े, आमाशय, अँतड़ी, गुर्दे आदि की क्रिया को नियंत्रित करती हैं।