मलेरिया परजीवी जब अपनी अंशाणु अवस्था में लाल रक्त कोशिका में रहता है तो अपने उपाचय से ये लाल रक्त कोशिका की आंतरिक रसायन संरचना बदल देता है।
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ये वलय रूप में विकसित होकर फिर भोजाणु (अंग्रेजी: trophozoites, ट्रोफ़ोज़ॉइट्स) और फिर बहुनाभिकीय शाइज़ॉण्ट (अंग्रेजी: schizont) और फिर अनेकों अंशाणु बना देते हैं।
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इस जनन से हजारों अंशाणु (अंग्रेजी: merozoites, मीरोज़ॉइट्स) बनते हैं जो अपनी मेहमान कोशिकाओं को तोड़ कर रक्त में प्रवेश कर जातें हैं तथा लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं।
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इस जनन से हजारों अंशाणु (अंग्रेजी: merozoites, मीरोज़ॉइट्स) बनते हैं जो अपनी मेहमान कोशिकाओं को तोड़ कर रक्त में प्रवेश कर जातें हैं तथा लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं।