इस निबन्ध में वह भारत और अन्य एशियाई देशों में कुल मिलाकर 300 अलग-अलग रामायण होने का दावा करते हैं और इसके लिए वे अकाट्य साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं।
12.
मुंडे अपने बयान पर कायम रहे या आयोग इस बारे में अकाट्य साक्ष्य जुटा पाया तो उनके खिलाफ जन-प्रतिनिधित्व कानून-1951 की प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए।
13.
आप समझ सकते हैं कि अमेरिकी दूतावास द्वारा अपनी सरकार को भेजे गए केबल कितने सतही होते होंगे जिसे भारतीय मीडिया अकाट्य साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।
14.
वादी ने अपने वाद को सिद्ध नहीं किया है तथा विपक्षी / प्रतिवादीगण ने उन अकाट्य साक्ष्य के आधार पर अपना जवाबदावा सिद्ध किया है, जिसके द्वारा अपीलार्थी/वादी को भूमि बिक्रय की गई।
15.
अनुच्छेद 54 के अनुसार जो प्रशासनिक कार्य सही कानून को लागू कर व कानूनी प्रक्रिया को अपनाकर किया गया हो और अकाट्य साक्ष्य पक्ष में हों तो उसे न्यायालय उचित ठहरा सकता है।
16.
पुलिस का कहना था कि इस मामले में आरोपी नामित होने के बाद हलीम 2002 से ही फरार चल रहे थे. इस मौलाना की गिरफ्तारी के बाद तहलका ने अहमदाबाद में जो तहकीकात की उसमें कई अकाट्य साक्ष्य निकलकर सामने आए हैं.
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पुलिस का कहना था कि इस मामले में आरोपी नामित होने के बाद हलीम 2002 से ही फरार चल रहे थे. </p><p>इस मौलाना की गिरफ्तारी के बाद तहलका ने अहमदाबाद में जो तहकीकात की उसमें कई अकाट्य साक्ष्य निकलकर सामने आए हैं.
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प्रत्येक फिंगर प्रिंट ब्यूरों में आए दिन अंगुली-चिन्हों के कई नमूने आते रहते है, क्योंकि अन्वेषण कार्य में लगे विशेषज्ञ मानते हैं कि अंगुली-चिन्ह व्यक्ति की पहचान के ऐसे अकाट्य साक्ष्य हैं, जिनके अनेक प्रकार के मामलों, जैसे-चोरी, हत्या, लूटपाट, डकैती, बलात्कार, सेंधमारी आदि के समय पाए जाने की संभावना रहती है।
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कोई ऐसा अकाट्य साक्ष्य पेष नहीं किया गया है जिसके आधार पर यह माना जा सके कि जो कथन निर्मुक्ति प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते समय बेरोजगारी के सम्बन्ध में किया गया है वह पूरी तरह से असत्य हो क्योंकि स्थापित विधिक सिद्धान्तों के अनुरूप किसी बेरोजगार व्यक्ति से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह अपने भवन की निर्मुक्ति तक खाली बैठा इन्तजार करता रहे।
20.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 16 जुलाई, 2009 को कहा था कि जब तक पाकिस्तान अपनी भूमि आतंकवाद के इस्तेमाल के लिए बंद नहीं करता और इस बात के पुख्ता प्रमाण नहीं देता, साथ ही आतंकवादियों पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई नहीं करता तब तक उसके साथ किसी भी प्रकार की वार्ता का कोई वातावरण नहीं बन सकता. पी चिदंबरम तो उससे भी आगे बढ़कर जम्मू में 8 जनवरी, 2010 को बोले कि पाकिस्तान को सिर्फ बताना ही नहीं है बल्कि आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के अकाट्य साक्ष्य भी देने हैं.