हिंदू विवाह संस्कार की परंपरा लगभग पूरे देश में एक सी हैं, जिसके तहत वर-वधु के अग्निवेदी के फेरे लेने के बाद विवाह संपन्न माना जाता है, लेकिन रुद्रप्रयाग जिले का एक गांव ऐसा है, जहां वेदी के फेरे नहीं लिए जाते।
12.
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा … ले लू महक आज़ादी की उनके बिना, वो महक जिसका उन्होंने केवल अंदाज़ लगाया होगा तर्पण कर क्रांति की अग्निवेदी में खुद को, कोई अंदाज़ नहीं लपटों से सत्ता को किस कदर जलाया होगा …